Sunday, 3 September 2017

सियासत, सीडी और संबंध के भंवर में फंसी भंवरी ने ला दिया था भूचाल



एक नर्स ने कहा कि उसके पास एक सीडी है. एक ऐसी सीडी जिसमें एक कैबिनेट मंत्री और एक विधायक की नंगी करतूत कैद है. और अगर यह सीडी आम हो गई तो तीन दिन के अंदर राज्य की सरकार गिर जाएगी. पर इससे पहले कि यह सीडी आम होती खुद नर्स ही गायब हो गई. यह कहानी है, भंवरी देवी की जिसने राजस्थान के सियासी गलियारों में भूचाल ला दिया था.

कौन थी भंवरी देवी
भंवरी देवी का ताल्लुक राजस्थान की नट बिरादरी से था. वह जोधपुर के नजदीक पैनन कस्बे के एक सरकारी अस्पताल में बतौर नर्स काम करती थी. उसकी शादी भी हो चुकी थी. पर मॉडलिंग और राजस्थानी एल्बम को सीढ़ी बना कर वह राजस्थानी फिल्मों की हीरोईन बनने का सपना पाले बैठी थी. लिहाजा अपने इस ख्वाब को पूरा करने के लिए वह कुछ भी कर सकती थी. गांव के अस्पताल में ले देकर एक ही वही नर्स थी और वो भी ड्यूटी से गायब रहती थी. लिहाजा गांव वालों की शिकायत पर भंवरी देवी को नौकरी से सस्पेंड कर दिया गया था.
करती थी सरकार गिराने का दावा
भंवरी देवी ने ऐलान किया था कि उसके पास एक सीडी है. जिसके बाहर आ जाने पर राजस्थान की सरकार तीन दिन में गिर जाएगी. आखिर क्या था उस सीडी में कि देश की एक राज्य सरकार को गिराने की धमकी दी जा रही थी? ऐसा क्या था उस सीक्रेट सीडी में कि नेताओं के हाथ-पांव फूलने लगे थे? और ऐसा भी क्या था कि जिसके पास सीडी थी वही गायब हो गई?

मंत्री से पहली मुलाकात
भंवरी देवी की नौकरी जा चुकी थी. लेकिन उसकी खूबसूरती के चर्चे जोधपुर से जयपुर तक होने लगे थे. वह नौकरी बचाने के लिए इलाके के विधायक मलखान सिंह के पास गई. मलखान सिंह उसे जल संसाधन मंत्री महिपाल मदेरणा के पास ले गए. फिर दोनों ने कलेक्टर से भंवरी देवी की सिफारिश की. सिफारिश रंग लाई और भंवरी देवी का निलंबन ना सिर्फ रद्द हुआ बल्कि उसे नई पोस्टिंग अपने घर के और नजदीक जालीवाड़ा के सरकारी अस्पताल में मिल गई.
ऐसे बदली भंवरी की जिंदगी
भंवरी देवी, मलखान सिंह और महिपाल की नजरों में चढ़ चुकी थी. वक्त के साथ-साथ वह इन दोनों की करीबी हो गई. दोनों नेताओं से मिलने के बाद भंवरी को सत्ता की ताकत का अहसास हो चुका था. मलखान और मदेरणा की वजह से उसकी मुलाकात धीरे-धीरे बाकी नेताओं से भी हो गई. और फिर देखते ही देखते सात-आठ हजार की मामूली तनख्वाह पाने वाली भंवरी देवी की जिंदगी पूरी तरह बदल गई. उसने नया घर बनाया. नई कार खरीदी. बेटे-बेटी का दाखिला नामी स्कूलों में कराया.
सत्ता... सेक्स और साजिश
यह सुनने में चाहे कितना ही अजीब क्यों न लगे. लेकिन इनमें हमेशा से गहरा रिश्ता है. और हकीकत भी यही है. सत्ता के नशे में चूर नेताओं के दामन पर जब जब दाग़ लगता है, हर बार किसी ऐसे ही रिश्ते की हकीकत एक नई कहानी के साथ सामने आ जाती है. नर्स भंवरी देवी और उसकी सीडी की कहानी भी कुछ ऐसी ही थी. नेताओं की सोहबत में आते ही अब भंवरी पूरी तरह से सत्ता के इर्द-गिर्द थी. बगैर डयूटी पर जाए ही हर महीने तनख्वाह मिल रही थी. मदेरणा से उसके रिश्ते को लेकर बाते होने लगी थी. लेकिन मामला सत्ता का था, तो सभी ने चुप रहने में भलाई समझी.
टिकट न मिलने पर की ब्लैकमेलिंग
साल 2010 तक भंवरी ने सत्ता का खूब सुख भोगा. पर अचानक बात बिगड़ी गई. भंवरी की ख्वाहिशें बेलगाम हो गईं थी. अब वह मलखान सिंह और मंत्री मदेरणा के साथ अपने रिश्तों के एवज में सीधे विधानसभा का टिकट मांग बैठी. जाहिर है दोनों ने मना कर दिया. बस इसी के बाद भंवरी ने रिश्तों के उन पलों की सीडी बनाने का फैसला किया. और मंत्री मदेरणा इस जाल में फंस गए. भंवरी ने दोनों नेताओं को ब्लैकमैल करना शुरू कर दिया. दोनों ने फौरन भंवरी से दूरी बना ली.
मदेरणा ने भंवरी को धमकाकर भगाया
कई महीने तक मंत्री मदेरणा और विधायक मलखान सिंह भंवरी से भागते रहे. भंवरी से बचते रहे. इस बात का अहसास खुद भंवरी को भी था. लिहाजा एक रोज वो अचानक जयपुर पहुंच गई. बीजेपी के कुछ विधायकों और नेताओं से मिली. और इसके साथ ही सब कुछ बदल गया. जुलाई 2011 की बात है. भंवरी देवी जब मलखान और मदेरणा से संपर्क करने मे नाकाम रही तो, वह एक दिन सीधे जयपुर में मंत्री मदेरणा के सरकारी बंगले पर पहुंच गई. वहां मदेरणा ने उसे धमका कर भगा दिया.
दबाव बनाकर किया समझौता
आहत होकर भंवरी ने मदेरणा पर दबाव बनाने के लिए जयपुर में ही बीजेपी के कुछ नेताओं से मुलाकात की और उन्हें पहली बार उस सीडी के बारे में बताया. सीडी की खबर जयपुर के राजनीतिक गलियारों से होते हुए मीडिया तक जा पहुंची. और अचानक मंत्री महिपाल, विधायक मलखान सिंह और भंवरी देवी के बीच तमाम गिले-शिकवे दूर हो गए. तीनों में अब समझौता हो चुका था. इसके बाद फिर से तीनों के बीच बातचीत भी शुरू हो गई थी. कहते हैं कि मजबूर होकर मदेरणा ने भंवरी देवी को सीडी के बदले 60 लाख रुपए देने का वादा कर लिया था.
..और गायब हो गई भंवरी देवी
भंवरी ने अगस्त 2011 में अपनी कार बेची थी. उसी का बकाया चार लाख रुपया देने के लिए एक सितंबर को सोहनलाल नामक व्यक्ति ने भंवरी को फोन कर अपने घर बुलाया. भंवरी उसी दिन पैसे लेने के लिए अपने घर से निकली और फिर कभी घर नहीं लौटी. शुरू में घरवालों ने हर तरफ भंवरी कों ढूंढा. 12 दिनों तक भंवरी दवी का कोई सुराग नहीं मिला. उसके पति ने पुलिस में रिपोर्ट लिखा दी. भंवरी देवी के पति अमरचंद ने अपनी बीवी की गुमशुदगी के लिए राजस्थान सरकार के कैबिनेट मंत्री महिपाल मदेरणा को जिम्मेदार ठहरा कर सत्ता के गलियारों में हड़कंच मचा दिया.

सीबीआई को मिला भंवरी देवी केस 
मामला हाई प्रोफाइल होने की वजह से पुलिस हरकत में आ गई. शक के घेरे में मंत्री और विधायक भी थे. लिहाजा पुलिस हर कदम फूंक फूंक कर रख रही थी. पुलिस को जांच में पता चला कि एक सितंबर को भंवरी आखिरी बार जोधपुर में देखी गई थी. इसके बाद उसके मोबाइल फोन का रिकार्ड सीकर में उसकी मौजूदगी दिखा रहा था. लेकिन उसका कोई सुराग नहीं मिला. मामला बढ़ता देख राज्य सरकार ने दबाव में आकर इस मामले की जांच राजस्थान पुलिस से लेकर सीबीआई को सौंप दी.
सीबीआई जानना चाहती थी सीडी का राज
सीबीआई के सामने सबसे अहम सवाल था कि आखिर भंवरी को सीडी के भंवर में किसने फंसा रखा था? उस सीडी में क्या था? और उस सीडी को लेकर भंवरी ने ऐसा क्यों कहा था कि अगर सीडी चल पड़ी तो तीन दिन में राजस्थान की सरकार गिर जाएगी? सीडी के सच को समझने के लिए भंवरी को जानना जरूरी था. एक मामूली नर्स भंवरी की असल जिंदगी में क्या हैसियत और रुतबा था उसे परखना जरूरी था. और उसे परखते-परखते आखिरकार सीबीआई मंजिल तक पहुंच ही गई.
126 दिन बाद खुल गया भंवरी का राज
गुमशुदगी के ठीक 126 दिन पता चला कि नर्स भंवरी देवी मर चुकी है. दरअसल, भंवरी से कार खरीदने वाला सोहनलाल बिश्नोई विधायक मलखान सिंह का भांजा था. उसी ने भंवरी देवी को फोन कर बताया था कि सीडी के बदले साठ लाख रुपए लेने उसे बिलाड़ा जाना पड़ेगा. लेकिन रुपए उसे तभी मिलेंगे जब राजू भाई सीडी की असलियत परख लेगें. एक सितंबर को ही भंवरी बस से बिलाड़ा गई. वहां एक बुलेरो जीप में राजू और उसका एक साथी भंवरी का इंतजार कर रहे थे. ये राजू कोई और नहीं बल्कि राजस्थान का खूंखार अपराधी शहाबुद्दीन था. जो राजू बनकर सीडी का सौदा करने आया था.
ऐसे हुआ था भंवरी का कत्ल
भंवरी अब सोहनलाल और शहाबुद्दीन के बुने जाल में फंस चुकी थी. राजू ने गाड़ी के सीडी प्लेयर में 52 मिनट की पूरी फिल्म देखी. इस दौरान जीप लगातार सड़क पर फर्राटे भरती रही. जीप के पीछे सोहनलाल एक स्विफ्ट कार में चल रहा था. ताकि भंवरी को किसी भी तरह का शक ना हो. शाम होते ही भंवरी ने शहाबुद्दीन से पैसे मांगे. लेकिन राजू के आनाकानी करने पर भंवरी को शक हो गया. उसने शोर मचाना शुरु कर दिया. यह देखकर सोहनलाल भी बुलेरो के अंदर आ गया और इन तीनों ने भंवरी को जीप की सीट के नीचे लिटा दिया. और जूतों से रौंद कर भंवरी को मौत के घाट उतार दिया गया.
बिश्नाराम ने लगाया था लाश को ठिकाने
इस साजिश के बीच की कड़ी था सहीराम. वह मलखान सिंह और महिपाल मदेरणा का खास गुर्गा था. जो जोधपुर के ज्याति नगर इलाके से कत्ल के इस प्लान को मॉनिटर कर रहा था. भंवरी के कत्ल के बाद उसने सोहन लाल को हुक्म दिया कि भंवरी की लाश जलौड़ा के अपराधी बिश्नाराम को सौंप दे. लिहाजा सोहनलाल ने पिपाड़ इलाके में लाश बिश्नाराम बिश्नोई के हवाले कर दी. अब बारी थी भंवरी की लाश को ठिकाने लगाने की लिहाजा बिश्नाराम लाश को जलौड़ के जंगल में लुहावट नहरी पुलिया पर ले गया और वहीं लाश को जला दिया.
मंत्री और विधायक गए जेल
सीबीआई ने बाद में जो खुलासा किया उसके मुताबिक भंवरी के कत्ल की पहली कड़ी विधायक मलखान सिंह और दूसरी कड़ी पूर्व कैबिनेट मंत्री महिपाल मदेरणा था. भंवरी सीडी के जरिए मंत्री मदेरणा को ब्लैकमेल कर रही थी. उस सीडी में मंत्री आपत्तिजनक हालत में भंवरी देवी के साथ था. इस मर्डर केस से जुड़े सभी लोग मलखान और मधेरणा के लोग थे. बाद में महिपाल मदेरणा को ना सिर्फ मंत्रीपद से इस्तीफा देना पड़ा. बल्कि जेल भी जाना पड़ा. वही हाल मलखान सिंह का भी हुआ.

सेक्स, सीडी और सियासत के कॉकटेल में यूं बरपा हंगामा

सेक्स, सीडी और सियासत का जब-जब कॉकटेल हुआ है, तब-तब हंगामा बरपा है. इस हंगामें के बीच किसी न किसी महिला को अपनी जान गंवानी पड़ी है. दोस्ती, महत्वाकांक्षा, मोहब्बत और जुनून के दरमियान जब शक पैदा होता, तो साजिश होती है. यही साजिश एक कत्लेआम को जन्म देती है. भारत में सियासी हस्तियों से लेकर बॉलीवुड के सितारों तक, हर कोई सेक्स स्कैंडल की गिरफ्त में आया है. aajtak.in सेक्स स्कैंडल की ऐसी ही घटनाओं पर एक सीरीज पेश कर रहा है. इस कड़ी में आज पेश है मध्य प्रदेश पूर्व मंत्री राघवजी भाई की कहानी.

तब इस शख्स की उम्र 80 वर्ष थी. एक आंख नकली. डायबिटीज का शिकार. बीमार दिल जिसकी एंजियोप्लास्टी हो चुकी है. उसके दिल को चलाते रखने के लिए स्टेंट डाला गया था. लेकिन कमजोर पड़ते शरीर में भी सेक्स को लेकर लोलुपता हावी थी. शायद यही वजह है कि उन्होंने अपनी हवस को शांत करने के लिए स्त्री-पुरुष के भेद तक को भुला दिया. जी हां, हम बात कर रहे हैं मध्य प्रदेश के पूर्व मंत्री राघवजी भाई की. 

बात सन 2013 की है. एक सेक्स सीडी ने मध्य प्रदेश के सियासी गलियारों में तहलका मचा दिया था. उस सीडी में बीजेपी नेता और पूर्व मंत्री राघवजी अपने नौकर राजकुमार के साथ अपनी वासना को शांत करते दिखे थे. वह अपने ड्राइंग रूम की कुर्सियों के बीच फर्श पर राजकुमार के साथ पूरे जोश के साथ काम क्रीड़ा में लीन दिखे. संतुष्टि के बाद फौरन खड़े भी हो गए. राघवजी तीन साल से राजकुमार का यौन शोषण कर रहे थे.

वीडियो में मैस्टबेट कराते दिखे राघवजी
दूसरे वीडियो में राघवजी के सरकारी निवास के ड्राइंग रूम में 29 वर्षीय राजकुमार उनका मैस्टबेट (हस्तमैथुन) करता दिखा. राघवजी नग्नावस्था में सोफे पर पसरे आनंद में गोते लगा रहे थे. अपने नौकर राजकुमार को प्यार से राजकुमारी पुकार रहे थे. आखिरकार इस सबसे आजिज आकर राजकुमार 5 जुलाई, 2013 को थाने पहुंच गया. उसने अपने यौन शोषण का आरोप लगाते हुए उनके खिलाफ शिकायत दर्ज करा दी. 

नौकर ने कैमरे में किया करतूतों को कैद
इसके बाद उन्हें मंत्री की कुर्सी और बीजेपी की सदस्यता से हाथ धोना पड़ा. उस समय एक के बाद एक 22 सीडी चर्चा में आई थी. बताया जाता है कि सीडी बीजेपी के हताश नेता शिवशंकर पटेरिया ने बनवाई थी. राजकुमार ने राघवजी के साथ बातचीत को मोबाइल में रिकॉर्ड किया था. उसके बाद में वह पटेरिया से मिला. पटेरिया ने उसे एक पेन कैमरा दिया. राजकुमार ने दूसरे नौकर घनश्याम के साथ मिलकर काली करतूतों को कैमरे में कैद कर लिया. 

सीएफएसएल ने की थी सीडी की पुष्टि
इस कांड के बाद बीजेपी नेता शिवशंकर उर्फ मुन्ना पटेरिया को पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से निलंबित कर दिया गया. घटना के करीब दो साल बाद दिल्ली के सीएफएसएल यानी सेंट्रल फोरेंसिक साइंस लेबोरेट्री ने सीडी की जांच के बाद इसकी पुष्‍टि कर दी थी. मंत्री पद गंवाने के बाद राघवजी ने अपनी सफाई में बस इतना ही कहा था कि उन्हें राजनीतिक साजिश के तहत फंसाया गया है.

रंगीन मिजाज एनडी तिवारी के सेक्स सीडी से बरपा था हंगामा


सेक्स, सीडी और सियासत का जब-जब कॉकटेल हुआ है, तब-तब हंगामा बरपा है. इस हंगामें के बीच किसी न किसी महिला को अपनी जान गंवानी पड़ी है. दोस्ती, महत्वाकांक्षा, मोहब्बत और जुनून के दरमियान जब शक पैदा होता, तो साजिश होती है. यही साजिश एक कत्लेआम को जन्म देती है. भारत में सियासी हस्तियों से लेकर बॉलीवुड के सितारों तक, हर कोई सेक्स स्कैंडल की गिरफ्त में आया है. सेक्स स्कैंडल की ऐसी ही घटनाओं पर एक सीरीज पेश कर रहा है. इस कड़ी में आज पेश है वरिष्ठ कांग्रेसी नेता एनडी तिवारी की कहानी.



बात सन् 2009 की है. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता नारायण दत्त (एनडी) तिवारी उनदिनों आंध्र प्रदेश के राज्यपाल हुआ करते थे. एक दिन टीवी पर उनकी एक कथित सेक्स सीडी सामने आई, जिसने पूरे देश की राजनीति में भूचाल ला दिया. हर तरफ उसकी चर्चा होने लगी. उस सीडी में एनडी तिवारी तीन महिलाओं संग आपत्तिजनक स्थिति में दिख रहे थे. उस वीडियो क्लिप को तेलुगू चैनल ने प्रसारित किया था. इस सीडी के सियासत ने ऐसा रंग दिखाया कि एनडी को राज्यपाल पद से इस्तीफा देकर वापस लौटना पड़ा. सीडीकांड को उन्होंने अपने खिलाफ विरोधियों की साजिश बताया था. 
डीएनए टेस्ट के बाद मिला परिवार
आंध्र प्रदेश से लौटने के बाद एनडी तिवारी उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश की सक्रिय राजनीति अपनी जमीन तलाश ही रहे थे कि एक नई मुसीबत सामने आ गई. जवानी के दिनों में अपनी रंगीनमिजाजी के लिए मशहूर एनडी पर एक महिला ने नया आरोप लगा दिया. उस महिला ने बताया कि वह उनकी पत्नी है और उन दोनों से एक बेटा भी है. एनडी के इंकार पर यह मामला कोर्ट तक पहुंच गया. कोर्ट के निर्देश पर एनडी का डीएनए टेस्ट कराया गया, जो उनके बेटे रोहित से मैच कर गया. इसके बाद काफी इंकार के बाद उन्होंने पत्नी और बच्चे को अपना लिया.
90 साल की उम्र में रचाई शादी
मई 2014 में यूपी की राजधानी लखनऊ में नारायण दत्त तिवारी ने रोहित की मां उज्ज्वला शर्मा से विधिवत विवाह कर लिया. इस विवाह के समय उनकी उम्र 90 साल थी. अपने इस हक के लिए उज्ज्वला शर्मा को एक लंबी लड़ाई लड़नी पड़नी थी. वर्तमान तीनों लखनऊ में ही रह रहे हैं. एनडी तिवारी अपने सफल राजनीतिक जीवन में राज्यसभा, लोकसभा सांसद रहने के साथ-साथ चार बार यूपी के मुख्यमंत्री और एक बार आंध्रप्रदेश के राज्यपाल भी रह चुके हैं. 1990 के दशक में वह प्रधानमंत्री पद के प्रबल दावेदार थे, लेकिन पी.वी नरसिम्हा राव ने बाजी मार ली थी. 
सियासत में दखल रखते हैं एनडी
एनडी तिवारी का प्रधानमंत्री बनने का उनका ख्वाब भले ही पूरा नहीं हो पाया पर सियासत में उनकी दखल कभी कम नहीं हुई. 18 अक्तूबर, 1925 को नैनीताल के बलूती गांव में पैदा हुए तिवारी आजादी के समय इलाहाबाद विश्वविद्यालय में छात्र संघ के अध्यक्ष थे. तिवारी संभवतः देश के इकलौते बड़े नेता हैं जो भारत के गणराज्‍य बनने के समय से राजनीति में प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से सक्रिय हैं. उत्तर प्रदेश में चार बार और एक बार उत्तराखंड के मुख्यमंत्री तथा केंद्र में लगभग हर महत्वपूर्ण विभाग के मंत्री रहे तिवारी अतीत के पिंजरे में कैद होने वालों में नहीं हैं.

सेक्स सीडी में दिखी महिला ने कराया केस दर्ज, चौतरफा घिरे MLA संदीप कुमार ने किया सरेंडर


दिल्ली के सीडी कांड में एक नया मोड़ आ गया है. सीडी में दिल्ली सरकार के बर्खास्त मंत्री संदीप कुमार के साथ दिख रही महिला ने थाने पहुंचकर उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज करा दिया है. जिसके बाद मामले में खुद को चौतरफा घिरते देख आरोपी विधायक संदीप कुमार ने बाहरी दिल्ली के DCP कार्यालय में पहुंचकर सरेंडर कर दिया है. महिला का आरोप है कि संदीप ने उसे नशीला कोल्ड ड्रिंक पिलाकर उसके साथ दुराचार किया था.
आप नेता और दिल्ली सरकार के पूर्व मंत्री संदीप कुमार की मुश्किलें बढ़ गई हैं. सीडी में उनके साथ दिख रही महिला ने सामने आकर संदीप के खिलाफ मामला दर्ज कराया है. महिला शनिवार को दिल्ली के सुल्तानपुरी थाने पहुंची और वहां आप नेता संदीप के खिलाफ उसके साथ दुष्कर्म करने का मामला दर्ज करा दिया.
अभी तक सीडी कांड में दिख रही महिला के बारे में कोई जानकारी नहीं मिल पाई थी. लेकिन अब महिला के सामने आ जाने से संदीप कुमार के लिए बड़ी परेशानी खड़ी हो गई है. संदीप के सिर पर अब गिरफ्तारी की तलवार लटक रही है. माना जा रहा है कि पुलिस उन्हें कभी भी गिरफ्तार कर सकती है.
महिला का आरोप है कि वह राशन कार्ड बनवाने की खातिर आप विधायक संदीप कुमार के पास गई थी. तभी संदीप कुमार ने महिला को नशीला पदार्थ मिलाकर कोल्ड ड्रिंक पिला दिया. उसके बाद वहां उसके साथ जो कुछ भी हुआ उसे पता नहीं चला. होश आने पर उसे सारा मामला समझ आया.
गौरतलब है कि दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने दिल्ली के बर्खास्त मंत्री संदीप कुमार के 'सीडी कांड' की जांच का काम शुक्रवार को शुरू कर दिया था. क्राइम ब्रांच के जॉइंट सीपी रवींद्र यादव ने इस केस की जांच का जिम्मा एक विशेष टीम को दिया है. इस टीम का नेतृत्व एक डीसीपी कर रहे हैं.
पुलिस सूत्रों का कहना है कि कथित सेक्स सीडी का सच जानने के लिए बर्खास्त मंत्री संदीप कुमार को पूछताछ के लिए बुलाया जा सकता है, लेकिन उससे पहले पुलिस उन सभी फोटोग्राफ और वीडियो की जांच करेगी, जिसमें संदीप कुमार महिलाओं के साथ अंतरंग पलों में नजर आ रहे हैं. सीडी की फोरेंसिक जांच भी कराई जाएगी.
हालांकि संदीप कुमार सीडी में खुद के होने से इंकार कर चुके हैं, लेकिन अब सच की तह तक जाने का काम पुलिस को करना है. पुलिस को सबसे पहले यह पता लगाना है कि मीडिया तक सीडी पहुंचाने वाले शख्स के पास सीडी कहां से आई, ये वीडियो कहां बनी, कब बनी, किसने बनाई, बाहर कैसे आई? ये सारे सवाल पुलिस के सामने हैं.

दिल्ली पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि शुक्रवार को जांच की रूपरेखा तय की जाएगी. बताते चलें कि गुरुवार भाजपा नेताओं ने पुलिस कमिश्नर आलोक वर्मा से मिलकर सीडी कांड की जांच कराने की मांग की थी. उन्होंने संदीप कुमार पर मंत्री पद का दुरुपयोग करके महिलाओं के यौन शोषण का शक जताया था. कमिश्नर ने उनकी शिकायत की जांच क्राइम ब्रांच को सौंप दी है.

बिहार कांग्रेस प्रदेश उपाध्यक्ष ब्रजेश पांडे एक दलित लड़की के यौन शौषण के मामले में फंस गए हैं.


बिहार कांग्रेस प्रदेश उपाध्यक्ष ब्रजेश पांडे एक दलित लड़की के यौन शौषण के मामले में फंस गए हैं. दलित लड़की कोई और नहीं बल्कि एक कांग्रेस के ही नेता की बेटी है. इस सनसनीखेज वारदात में एक पूर्व आईएएस का बेटा भी शामिल है. ढाई महीने पहले लड़की ने एफआईआर दर्ज कराई थी, लेकिन पुलिस हाथ पर हाथ धरे बैठी है. हालांकि आरोपों के बाद ब्रजेश पांडे ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है.
पीड़ित लड़की मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से गुहार लगा चुकी है. राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और सीबीआई तक को पत्र लिख चुकी है, लेकिन कहीं से कोई मदद नही मिली. थक हार कर उसे मीडिया का सहारा लेना पड़ा. आरोपी निखिल प्रियदर्शी एक पूर्व आईएएस का बेटा तो है ही, उसके बहनोई सीबीआई में एसपी है. उसका दोस्त बिहार के डीजीपी का बेटा है.
पीड़ित लड़की को न सिर्फ ब्लैकमेल कर यौन शोषण किया गया है, बल्कि उसे प्रताडित भी किया है. उसका आरोप है कि ब्रजेश पांडे और निखिल प्रियदर्शी सेक्स रैकेट चलाते हैं. उसमें बिहार के कई रसूखदार नेता और ब्यूरोक्रेट भी शामिल हैं. पुलिस ने इस मामले में एसआईटी गठित कर जांच शुरू की है, लेकिन अभी तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है.
पीड़िता ने बताया कि निखिल प्रियदर्शी से व्हाट्सएप और फेसबुक के जरिए उसकी जान-पहचान हुई थी. इसके बाद दोनों के बीच बातचीत होने लगी. एक दिन निखिल उसे ब्रजेश पांडे के पास भेजा. वह उसे उनके बोरिंग रोड एक फ्लैट में ले गया था. वहां कोल्ड्रिंक में नशीला पदार्थ मिलाकर पीला दिया. इसके बाद उसको कोई होश नहीं था.
उसने बताया कि उसके नशे में आने के बाद ब्रजेश पांडे ने उसके प्राइवेट पार्ट को टच किया. उसने इसका बाद विरोध किया, तो निखिल और उसका परिवार उसको बहुत मरता-पिटता था. परिवार के लोग में निखिल के पिता औऱ भाई भी शामिल थे. वे सभी सेक्स रैकेट चलाते है. उसको भी सप्लाई करने के लिए दबाव बना रहे थे.

पीड़िता का आरोप है कि उसने जब थाने में शिकायत दर्ज कराई, तो पुलिस ने आरोपी को ही संरक्षण दिया. एसएचओ को जानकारी थी कि निखिल एयरपोर्ट से जा रहा है, लेकिन एडीजी को बताया तो उन्होंने गिरफ्तारी का आदेश नहीं दिया. हर कोई उसके पक्ष में है, इसलिए अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई. इसके बाद उसने सीएम से गुहार लगाई.

जानिए, सेक्स और सियासत के कॉकटेल से कब-कब बरपा हंगामा



सेक्स रैकेट के जाल में फंसने वाले सफेदपोश नेताओं की लिस्ट में बीजेपी सांसद केसी पटेल का नाम भी शुमार हो गया. एक महिला के जाल में बुरी तरह फंसने के बाद सांसद ने दिल्ली पुलिस को शिकायत दी है कि एक गैंग ने उन्हें हनी ट्रैप किया है. आरोपी महिला इस गैंग को चलाती है. उन्हें ट्रैप कर गाजियाबाद के एक घर में ले जाया गया, जहां नशीली चीज खिलाकर उनकी अश्लील सीडी बनाई गई. अब महिला और उसके साथी उन्हें ब्लैकमेल कर रहे हैं. उनसे 5 करोड़ रुपये की मांग कर रहे हैं.
सेक्स, सीडी और सियासत का जब-जब कॉकटेल हुआ है, तब-तब हंगामा बरपा है. आइए जानते हैं कुछ ऐसे ही राजनेताओं के बारे में जो सेक्स और सियासत के बीच फंसने के बाद सुर्खियों में आए थे. इस कड़ी में AAP नेता संदीप कुमार, रंगीन मिजाज एनडी तिवारी, BJP नेता राघवजी, कांग्रेसी नेता महिपाल मदेरणा और BJP नेता ध्रुव नारायण सिंह का नाम प्रमुख है.
सेक्स रैकेट में फंसे बिहार कांग्रेस के पूर्व प्रदेश उपाध्यक्ष

बिहार कांग्रेस के पूर्व प्रदेश उपाध्यक्ष ब्रजेश पांडे के सेक्स रैकेट में फंसने के आरोप के बाद सेक्स और सियासत का घिनौने कॉकटेल सामने आया था. कांग्रेस के इस वरिष्ठ नेता पर एक दलित लड़की ने यौन शौषण का सनसनीखेज आरोप लगाया था. इस वारदात में एक पूर्व आईएएस का बेटा भी शामिल है, जिसका नाम निखिल प्रियदर्शी बताया जा रहा है. पीड़िता की मानें तो उसकी निखिल से व्हाट्सएप और फेसबुक के जरिए उसकी जान-पहचान हुई थी. इसके बाद दोनों के बीच गहरी दोस्ती हो गई, जो शादी तक जा पहुंची.

आरोप है कि एक दिन निखिल प्रियदर्शी ने उसे ब्रजेश पांडे के पास भेजा. वह उसे पटना के बोरिंग रोड स्थित एक फ्लैट पर ले गया. वहां कोल्ड्रिंक में नशीला पदार्थ मिलाकर पीला दिया. नशे में आने के बाद ब्रजेश पांडे ने उसका यौन शोषण किया. उसने इसका बाद विरोध किया, तो उसके साथ मारपीट की गई. उसने जब भी निखिल से शादी की बात की, उसने उसे बुरी तरह मारापीटा. आरोप है कि निखिल सेक्स रैकेट चलाता है. वह उसको भी इस रैकेट में काम करने के लिए दबाव बना रहा था. फिलहाल इस मामले की जांच चल रही है.
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सेक्स-सीडी से सुर्खियों में आए AAP नेता संदीप
दिल्ली सरकार के पूर्व मंत्री संदीप कुमार एक सेक्स सीडी आने के बाद अचानक सुर्खियों में आ गए. इसके बाद दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने उनके मंत्रिमंडल से बर्खास्त कर दिया. इस सेक्स सीडी में दिखने वाली महिला ने सुल्तानपुरी थाने पहुंचकर संदीप के खिलाफ रेप करने का मामला दर्ज कराया था. महिला का आरोप था कि वह राशन कार्ड बनवाने की खातिर आप विधायक संदीप कुमार के पास गई थी. संदीप कुमार ने नशीला पेय पदार्थ पिलाकर उसके साथ रेप किया. इस मामले की जांच के दौरान संदीप को सरेंडर करना पड़ा.

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रंगीन मिजाज एनडी के सीडी से बरपा था हंगामा
बात सन् 2009 की है. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता नारायण दत्त (एनडी) तिवारी उनदिनों आंध्र प्रदेश के राज्यपाल हुआ करते थे. एक दिन टीवी पर उनकी एक कथित सेक्स सीडी सामने आई, जिसने पूरे देश की राजनीति में भूचाल ला दिया. हर तरफ उसकी चर्चा होने लगी. उस सीडी में एनडी तिवारी तीन महिलाओं संग आपत्तिजनक स्थिति में दिख रहे थे. उस वीडियो क्लिप को तेलुगू चैनल ने प्रसारित किया था. इस सीडी के सियासत ने ऐसा रंग दिखाया कि एनडी को राज्यपाल पद से इस्तीफा देकर वापस लौटना पड़ा. 
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नौकर के साथ दिखे थे बीजेपी नेता राघवजी


बात सन 2013 की है. एक सेक्स सीडी ने मध्य प्रदेश के सियासी गलियारों में तहलका मचा दिया था. उस सीडी में बीजेपी नेता और पूर्व मंत्री राघवजी अपने नौकर राजकुमार के साथ अपनी वासना को शांत करते दिखे थे. वह अपने ड्राइंग रूम की कुर्सियों के बीच फर्श पर राजकुमार के साथ पूरे जोश के साथ काम क्रीड़ा में लीन दिखे. राघवजी तीन साल से यौन शोषण कर रहे थे. दूसरे वीडियो में राघवजी के ड्राइंग रूम में राजकुमार उनका मैस्टबेट करता दिखा. 
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भंवरी के भंवर में फंसी सियासत में आया भूचाल

भंवरी देवी का ताल्लुक राजस्थान की नट बिरादरी से था. वह जोधपुर के एक सरकारी अस्पताल में नर्स थी. उसकी शादी हो चुकी थी. लेकिन मॉडलिंग और एल्बम को सीढ़ी बना कर वह हीरोईन बनने का सपना पाले बैठी थी. लिहाजा अपने इस ख्वाब को पूरा करने के लिए वह कुछ भी कर सकती थी. गांव के अस्पताल में ले देकर एक ही वही नर्स थी. वो भी ड्यूटी से गायब रहती थी. लिहाजा गांव वालों की शिकायत पर भंवरी देवी को नौकरी से सस्पेंड कर दिया गया था.

भंवरी देवी ने ऐलान किया था कि उसके पास एक सीडी है. इसके आ जाने पर राजस्थान की सरकार गिर जाएगी. आखिर क्या था उस सीडी में कि एक राज्य सरकार को गिराने की धमकी दी जा रही थी? ऐसा क्या था उस सीक्रेट सीडी में कि नेताओं के हाथ-पांव फूलने लगे थे? साल 2010 तक भंवरी ने सत्ता का खूब सुख भोगा. पर अचानक बात बिगड़ी गई. मंत्री मदेरणा के साथ अपने रिश्तों के एवज में सीधे विधानसभा का टिकट मांग बैठी. 
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सीरीज हार कर भी वर्ल्ड कप खेल सकता है श्रीलंका

श्रीलंका को अपनी दावेदारी मजबूत करने के लिए भारत के खिलाफ आखरी एक दिवसीय मुकाबला जीतना ही होगा. ऐसे में उसके सीधे तौर पर क्वालीफाई करने के संभावनाएं बढ़ जाएगी.

2019 आईसीसी वर्ल्ड कप में सीधा क्वालीफाई करने के लिए श्रीलंका को भारत के खिलाफ चल रहे मौजूदा एकदिवसीय श्रृंखला में 2 मैच जीतना था. लेकिन अभी तक श्रीलंका इस सीरीज में एक भी मैच नहीं जीत पाया है. इस एक दिवसीय सीरीज में श्रीलंका का प्रदर्शन बेहद ख़राब रहा है. अब इसका फायदा वेस्टइंडीज को होता दिख रहा है. श्रीलंका के लगातार हार के बाद अब कैरिबीआई टीम के वर्ल्ड कप में सीधे तौर खेल पाने की संभावनाएं काफी बढ़ गया है.
​वेस्टइंडीज को सितंबर में आयरलैंड और इंग्लैंड के खिलाफ कुल 6 एकदिवसीय मुकाबला खेलना है. 2019 आईसीसी वर्ल्ड कप में सीधा क्वालीफाई करने के लिए वेस्टइंडीज को 6 में से 5 मुकाबले जीतने है. वेस्टइंडीज को आयरलैंड के खिलाफ एकमात्र मुकाबले में जीत हासिल करनी होगी. इसके बाद उसे इंग्लैंड के खिलाफ पांच मैचो की सीरीज में से चार मैच जितना पड़ेगा.
श्रीलंको को अब जीत ही बचा सकती है
बता दें कि 30 सितंबर तक मेजबान इंग्लैंड के अलावा आईसीसी एकदिवसीय रैंकिंग में शीर्ष के 7 टीमों को विश्वकप में सीधी एंट्री मिल जाएगी. बाकि बचे टीमों को क्वालीफाइंग टूर्नामेंट खेलना पढ़ेगा. हालांकि श्रीलंका के पास अभी भी सीधे तौर पर क्वालीफाई करने का मौका है. लेकिन इसके लिए उसे वेस्ट इंडीज के अगले सीरीज के नतीजों पे निर्भर रहना पड़ेगा.
श्रीलंका को अपनी दावेदारी मजबूत करने के लिए भारत के खिलाफ आखरी एक दिवसीय मुकाबला जीतना ही होगा. ऐसे में उसके सीधे तौर पर क्वालीफाई करने के संभावनाएं बढ़ जाएगी. वहीं दूसरी तरफ अगर वेस्ट इंडीज आनेवाली 6 एकदिवसीय मैचों को जीतने में सफल हो जाती है तो वह सीधा क्वालीफाई कर जाएगी. लेकिन अगर श्रीलंका आखरी एकदिवसियस मैच हार जाती है, तो इस सुरत वर्ल्ड कप में सीधे तौर पर क्वालीफाई करने के लिए वेस्टइंडीज को अगले सीरीज के पांचों मैच जीतने होंगे. आईसीसी के ताजा एकदिवसीय रैंकिंग में श्रीलंका और वेस्टइंडीज क्रमश: आठवें और नवें पायदान पर हैं. रैंकिंग में मौजूद 12 टीमों में नीचे के 4 टीमों को क्वालीफायर खेलना होगा. बता दें कि क्वालीफायर्स में आईसीसी वर्ल्ड क्रिकेट लीग चैंपियनशिप के शीर्ष चार टीमें और आईसीसी वर्ल्ड क्रिकेट लीग के दो टीमें भी शामिल होंगे. जीतनेवाले टीम और रनर्स उप को वर्ल्ड कप में एंट्री मिलेगी.

युवती से छेड़छाड़ का केस रफा-दफाकर गुड़गांव पुलिस ने आरोपी को भगाया


साइबर सिटी गुड़गांव में पुलिस की संवेदनहीनता का एक मामला सामने आया है. एक मनचला 
युवती (21) से छेड़छाड़ करता है, उससे मारपीट करता है और जब वह पुलिस के पास शिकायत 
लेकर जाती है तो पुलिस अधिकारी आरोपी के खिलाफ कार्रवाई करने के बजाय पीड़िता पर 
ही मामले को रफा-दफा करने का दबाव बनाते हैं.
छेड़छाड़ और मारपीट की यह घटना बीते 1 सितंबर की है. पीड़िता के मुताबिक, वह राम नगर
इलाके स्थित साईं मंदिर में दर्शन के लिए गई थी. एक युवक लगातार उसका पीछा कर रहा था.
मंदिर के पास पहुंचते ही मनचला सरेआम युवती से छेड़खानी करने लगा.
युवती ने विरोध किया तो मनचला उसके साथ मारपीट करने लगा. पीड़िता की चीख-पुकार
सुनकर राहगीरों ने मनचले को पकड़ लिया और मौके पर पहुंची पुलिस टीम के हवाले कर दिया.
पुलिस ने गैरजिम्मेदार रवैया अपनाते हुए पीड़िता से मामला रफा-दफा करने को कहा और आरोपी
को वहां से भगा दिया.
अगले दिन पीड़िता ने हिम्मत दिखाई और आरोपी के खिलाफ केस दर्ज कराने के लिए थाने पहुंच
गई. पीड़िता की शिकायत पर पुलिस ने केस दर्ज कर आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है. पीड़िता
की मानें तो पुलिस ने उसकी बदनामी होने की बात कहते हुए केस दर्ज न कराने के लिए कहा था.
गौरतलब है कि इस वारदात के बाद महिला सुरक्षा के तमाम दावों पर दम भरने वाली गुड़गांव
पुलिस पर सवालिया निशान जरूर खड़े हो रहे हैं. साथ ही जान पड़ता है कि गुड़गांव पुलिस कैसे
महिलाओं को इंसाफ दिलाने के बजाय जमीनी स्तर पर उनका हौसला पस्त करती नजर आती है.

मुमताज की मौत के बाद शाहजहाँ अपनी सगी बेटी जहाँआरा के साथ किया करता था सेक्स

आपको बता दें कि 38 वर्षीय मुमताज की मौत कोई बीमारी या एक्सीडेंट से नहीं बल्कि चौदहवें बच्चे को जन्म देने के दौरान अत्यधिक कमजोरी के कारण हुई थीl यानी शाहजहाँ ने उसे बच्चे पैदा करने की मशीन ही नहीं बल्कि फैक्ट्री बनाकर मार डालाl शाहजहाँ में सेक्स की भूख इतनी थी कि वे अपनी यौन भूख के लिए बहुत कुख्यात था, जिसके चलते ही कई इतिहासकारों ने उसे उसकी अपनी सगी बेटी जहाँआरा के साथ स्वयं सम्भोग करने का दोषी माना है क्योंकि शाहजहाँ और मुमताज महल की बड़ी बेटी जहाँआरा बिल्कुल अपनी माँ की तरह ही लगती थीl
चुकी जहाँआरा हुबहू अपनी माँ मुमताज की तरह दिखती थी इसलिए मुमताज की मृत्यु के बाद उसकी याद में लम्पट शाहजहाँ ने अपनी ही बेटी जहाँआरा को फंसाकर उसके साथ सेक्स करना शुरू कर दिया थाl
इतिहासकारों की माने तो जहाँआरा को शाहजहाँ इतना प्यार करता था कि अपनी यौन इच्छाओं की पूर्ति के लिए उसने उसका निकाह तक होने न दिया थाl बाप-बेटी के इस नाजायज़ प्यार को देखकर जब महल में चर्चा शुरू हुई, तो मुल्ला-मौलवियों की एक बैठक बुलाई गयी और उन्होंने इस पाप को जायज ठहराने के लिए एक हदीस का उद्धरण दिया और कहा कि “माली को अपने द्वारा लगाये पेड़का फल खाने का हक़ हैl”

जानिये मोदी सरकार के किस मंत्री की कितनी है संपत्ति


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कैबिनेट के ज्यादातर मंत्रियों ने अपनी संपत्ति का ब्यौरा नहीं दिया है। पीएमओ की वेबसाइट के मुताबिक 72 में से सिर्फ 11 मंत्रियों ने अपनी संपत्ति की जानकारी दी है. बता दें कि 31 अगस्त आखिरी तारीख थी।
मंत्रियों द्वारा ऐसी लापरवाही ऐसे वक्त में हो रही है जब बीजेपी चीफ अमित शाह और पीएम मोदी कैबिनेट में नए चेहरों को शामिल करने पर विचार कर रहे हैं। रविवार को मोदी कैबिनेट में बड़ा फेरबदल होने जा रहा है।
गृह मंत्रालय की तरफ से जारी आचार संहिता के मुताबिक केंद्रीय मंत्रियों के लिए हर साल 31 अगस्त तक अपनी संपत्ति का ब्यौरा देना अनिवार्य है। यह कोड ऑफ कंडक्ट राज्यों के मंत्रियों पर भी लागू होता है और इसमें मंत्रियों को अपने परिवार के सदस्यों की डिटेल देना भी अनिवार्य है।
अभी तक अरुण जेटली, सुषमा स्वराज, सदानंद गौड़ा, राम विलास पासवान, अशोक गजपति राजू, चौधरी बिरेंद्र सिंह, प्रकाश जावडेकर, मुख्तार अब्बास नकवी, वीके सिंह, राधाकृष्णन पी और अनुप्रिया पटेल ने ही अपनी संपत्ति का ब्यौरा जमा किया है।
किनके पास कितनी संपत्ति
— राम विलास पासवान के पास 32 लाख की संपत्ति है, वहीं उनकी कोई देनदारी नहीं है। उनकी संपत्ति पिछले साल की तुलना में कम है. पिछले साल उन्होंने 52 लाख की संपत्ति होने की जानकारी दी थी।
— विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने 5.33 करोड़ रुपये की संपत्ति होने की जानकारी दी है। उनकी भी कोई देनदारी नहीं है। पिछले साल उन्होंने 5.21 करोड़ की संपत्ति होने की जानकारी दी थी।
— अरुण जेटली की चल-अचल संपत्ति की कुल कीमत 67.62 करोड़ है। उनके पास चार सेविंग अकाउंट्स में करीब 64 लाख रुपये हैं। उनके पास 1.29 करोड़ की कीमत का सोना, चांदी और हीरा है. पिछले साल उनकी संपत्ति की कीमत 60.99 करोड़ रुपये थी। जेटली के पास चार गाड़ियां हैं जिनमें दो मर्सीडीज, एक होंडा एकॉर्ड और एक टोयोटा फॉर्चुनर है। गाड़ियों की कुल कीमत 1.93 करोड़ है।
— मानव संसाधन मंत्री प्रकाश जावडेकर की कुल संपत्ति 1.55 करोड़ की है। पिछले साल उनकी संपत्ति की कीमत 1.6 करोड़ थी। उनकी संपत्ति की मार्केट वैल्यू 1 करोड़ है और उनके पास करीब 5 लाख का सोना, चांदी और हीरा है। उनके पास बैंक में 11 लाख रुपये जमा हैं।
— पी राधाकृष्णन ने 7.22 करोड़ की संपत्ति होने की जानकारी दी है. उनके पास दो बैंक अकाउंट्स में 28 लाख रुपये जमा हैं।
— अनुप्रिया पटेल के पास कुल 1.82 करोड़ की संपत्ति है।